सूर्य देव की महिमा-
पृथ्वी पर उपस्थित हर जीवन सूर्य से प्रभावित होता है । सूर्यदेव स्वास्थ्य, शक्ति और संपन्नता के प्रतीक माने जाते हैं ।
सूर्य के ज्योतिषीय व चिकित्सकीय महत्व:
सूर्य एक तारा है और इसके ज्योतिषीय एवं चिकित्सकीय महत्वों से हम सभी परिचित हैं । वैसे भी कई बार यह प्रमाणित हो चुका है कि सूर्य की पूजा करने या सूर्य की रोशनी लेने से हमारा शरीर कई बीमारियों से दूर हो जाता है । वैसे भी ज्योतिष शास्त्र ने यह प्रमाणित कर दिया है कि पृथ्वी वासियों की अधिकांश रोगों एवं दोषों का कारण अंतरिक्ष में ग्रह-नक्षत्रों की बदलती स्थिति एवं उनमें आने वाला परिवर्तन होता हैं ।
एक अनुसंधान के अनुसार सूरज पर प्रत्येक ग्यारह वर्षों में एक बड़ा विस्फोट होता है, जो सूर्य के जो वेधशाला के उपकरणों से देखने पर धब्बों की तरह बन पड़ते हैं । ऐसा माना जाता है कि जब-जब यह धब्बे दिखाई देते हैं, पृथ्वी पर युद्ध, महामारी, अग्निकांड, विस्फोट, व आतंकवाद जैसी समस्याएं आती हैं । इसलिए हर व्यक्ति को सूर्य देवता को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा-अर्चना करने की सलाह दी जाती है, ताकि वह सूर्य के दुष्प्रभाव से बच सकें ।
सूर्य का वैज्ञानिक सर्वेक्षण:
एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण में 700 वर्षों में हुए घटनाक्रम के प्रतिफल में अग्निकांड, विस्फोट, आतंकवाद, युद्धों, बीमारी, अशुभ घटनाओ-दुर्घटनाओं के अध्ययन से भी ज्ञात होता है कि पृथ्वी पर विनाश का संबंध सूर्य से पाया गया है, जिसका प्रमुख कारण सूर्य पर होने वाले विस्फोट बताए गए । इस तरह यह साबित होता है कि ग्रहों की चाल या स्थिति में परिवर्तन का हम पर गहरा प्रभाव पड़ता है । रोज आसमान में उगने वाला सूरज यदि न उगे तो कई प्रक्रियाएं स्वत: रुक जाएंगी । रात को बीमारियां बढ़ती हैं, दिन में घटती हैं, यह सूर्य के निकलने वाली रोशनी का ही प्रभाव है ।
सूर्य के चिकित्सकीय लाभ:
ज्योतिष शास्त्र पर भरोसा करने वाले चिकित्सक भी मानते हैं कि सूर्य का प्रभाव कई बीमारियों के निदान में प्रभावशाली होता है । वह कहते हैं कि सूर्य की किरणों में मौजूद विटामिन डी त्वचा के लिए काफी लाभदायक होता है । यह चर्म रोगों को दूर करता है । दरअसल सूर्य केवल अग्नि का पिंड नहीं, बल्कि एक ऐसा संगठन है, जिसमें चिकित्सकीय दृष्टिकोण से कई लाभप्रद तत्व मौजूद हैं । और जिसकी हर हलचल से पृथ्वी का जीवन प्रभावित होता है ।
पृथ्वी पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव:
जब कभी भी अंतरिक्ष में सूर्य ग्रहण होता है, तो पक्षी जंगलों में गीत गाना बंद कर देते हैं । उन्हें 24 घंटे पहले ही इस परिवर्तन का आभास हो जाता है । तत्पश्चात पूरी पृथ्वी मौन हो जाती है । पक्षी बोलना गीत गाना बंद कर देते हैं । सारे जंगली जानवर भयभीत हो जाते हैं । बंदर वृक्ष को छोड़कर नीचे आ जाते हैं । आज भी सूर्य को विश्व का एक बड़ा समुदाय भगवान के रूप में पूजता है और उसकी हर हलचल पर दृष्टि रखता है । साथ ही लोग यह भी प्रयास करते हैं कि सूर्य देवता की कृपा उन पर किसी न किसी तरह बनी रहे ।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य के प्रभाव वाले जातक की विशेषता:
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य के प्रभाव वाले जातक को विशेष स्थान दिया जाता है । ऐसे जातकों के बारे में कहा जाता है कि वह तेजस्वी और प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी होते हैं । जिससे समाज में उनकी उन्नति कोई नहीं रोक पाता । कुल मिलाकर भारतीय संस्कृति में सूर्य देव पूज्य हैं और वे मनः शक्ति और तेज के अक्षय स्रोत हैं । उनके बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती । विज्ञान भी यह मान चुका है कि नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने से सौंदर्य और स्वास्थ्य में बढ़ोतरी होती है ।